Como era estudiante de ingeniería, compuse un poema divertido hace 3 años sobre el proceso de cambio de rama de la vida de B.Tech después de completar el primer año.
ज़हरीला CAMBIO DE RAMA
एक País को देश और
एक Ciudad को शहर कहा जाता है ..
अब जो मैं सुनाने जा रहा हूँ
उसे कविता मत समझना क्योंकि …
Ingeniería की भाषा में,
इसे ज़हर कहा जाता है …
ये Cambio de rama करने का भी,
किस्सा बड़ा अजीब है …
Marcas ले आओ कितने भी,
पर चलता यहाँ नसीब है …
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मत सोचना बिलकुल यह कि,
ज़हर मारना मेरा काम है …
क्योंकि “नसीब” और “किस्मत”
सिर्फ “SUERTE” ही नहीं,
ये तीनों ..
Películas के भी नाम हैं …
Mayores के पास जाकर बोला-
दे दो कुछ consejos मुझे …
वो ले गये अपनी desastre में,
दो plato खिला दिए Arroz मुझे …
confundir हो गया ये सोचकर,
कि ये सीनियर्स का प्रेम था या कहर था …
खैर ……
आप ज्यादा मत सोचिये क्योंकि,
ये कहानी नहीं, ये ज़हर था….
आये पहले CS के वो सीनियर इलाहाबादी,
कहते – आ जाओ मेरी Rama में,
मिलेगी Software की आबादी ..
मेरी solicitud पर उन्होंने शायराने अंदाज़ में कहा-
ये CS भी क्या चीज़ है,
बस इतना समझ लीजिये ..
Idiomas का दरिया है,
और दिमाग खपाना है …
उस दस मिनट के ब्रेक में,
सब सीनियर्स थे वो gratis …
फिर आये IT के सीनियर्स,
डाल दिया आग में घी …
और वो बोले-
4 साल की B.Tech की,
कुछ इतनी सी कहानी है …
20% हम बचपन से पागल थे,
और 80% de codificación की मेहरबानी है… ..
फिर आये ECE के सीनियर
और उन्होंने कहा –
Syारा programa de estudios देखकर nueva carpeta भी,
archivos हो जाती है ||
हमें पढ़ता देखकर स्वस्थ मनुष्य को भी,
pilas हो जाती है ||
लड़के तो यहाँ के,
सिर्फ gusano de libro हैं …
लड़के तो यहाँ के,
सिर्फ gusano de libro हैं …
पर लड़कियाँ….
लडकियां तो libro reptiles हो जाती हैं …….
फिर आये CIVIL के सीनियर
और बोले-
आ जाओ हमारी Rama में,
इसमें खुशियों की लहर है …
हमारे बनाये सड़क और पुल से ही
चलता हर गाँव, शहर है …
लेकिन फिर मैंने सोचा-
कि pull तो हर showroom के
दरवाज़े पर भी लिखा होता है ..
खैर आप ज्यादा मत सोचीये ..
क्योंकि ये सोच नहीं, ये ज़हर है …
फिर आये ICALाले ELÉCTRICO
और बोले-
circuitos और teoremas के सहारे,
ज़िन्दगी बिताने लगे हैं …
हाल-ऐ-दिल मत पूछ बेटा,
क्योंकि,
अब तो SAL DE TATA के पैकेट में भी,
KCL लगाने लगे हैं ……
फिर आये
MECÁNICO के सीनियर और bole-
आ जाओ हमारी Rama में,
पड़ेगी तुम पर ये भारी ..
ज़िन्दगी हमारी बीतेगी,
बनाते हुए मशीन और गाड़ी …
estado रहेगा único तेरा,
नहीं मिलेगी यहाँ कोई नारी ||
फिर उन्होंने मुझे बोलने का मौका दिया और मैंने कहा –
ये MECÁNICO कोई महासागर नहीं,
ये एक छोटी सी नहर है …
ये MECÁNICO कोई महासागर नहीं,
ये एक छोटी सी नहर है …
ये सुनकर सीनियर हँसने लगे,
और बोले-
वाह !! क्या ज़हर है …
Por fin मैं अपनी Branch IEM (Ing. Industrial y gestión) के सीनियर के पास गया
और वो बोले-
Cambio de rama के estándar को,
मैं norma कहता हूँ …
हर Rama के टॉपर को,
मैं gusano de libro कहता हूँ …
और फिर मैंने जवाब में कहा –
Cambio de rama करवाने को मत कहो सर….
क्योंकि
हम वो नहीं जो
तूफ़ान को Inglés में Tormenta कहते हैं …
हम वो नहीं जो
तूफ़ान को Inglés में Tormenta कहते हैं …
बल्कि हम वो हैं जो …
I shq E hsaas और M ohabbat को
IEM की forma completa कहते हैं …
ये दो पल की घड़ी भी,
अब मुझे पहर लगने लगी है …
लिखना तो बहुत कुछ चाहता था
पर क्या करूँ ??
ये CAMBIO DE RAMA की कविता,
अब मुझे ज़हर लगने लगी है ..